7th Pay Commission: महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन का क्या हैं तरीका, कितना मिलता हैं लाभ

महंगाई भत्ते के कैलकुलेशन का क्या हैं तरीका, कितना मिलता हैं लाभ

कोरोना संकट को देखते हुए भारतीय केंद्रीय सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को प्रतिवर्ष दिए जाने वाले डीए में केंद्रीय और राज्य स्तरीय सरकार के स्तर तक वर्ष 2021 तक रोक लगा दी है। केंद्र सरकार ने कहा है , कि कोरोना संकट को देखते हुए कोरोना फंड एकत्रित करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है। डीए को आम लोगों के बीच में महंगाई भत्ते के रूप में जाना जाता है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सभी प्रकार के केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता वर्ष में दो बार जनवरी और जुलाई के माह में प्रदान किया जाता है। अगर राज्य स्तरीय महंगाई भत्ते की बात करें , तो यह सभी कर्मचारियों को प्रतिवर्ष केवल एक बार जुलाई के माह में प्रदान किया जाता है।

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इस समय सभी सरकारी कर्मचारियों को उनको 17% का महंगाई भत्ता प्रदान किया जाता है । अब लोगों के मन में सवाल उठता है , कि आखिर किस प्रकार से महंगाई भत्ते की गणना की जाती है। इस विशेष गणना प्रक्रिया के बारे में बहुत सीमित लोग ही संपूर्ण रूप से जानते हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से इसी विषय पर आप सभी को जानकारी प्रदान करने वाले हैं , तो कृपया हमारे इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़ें।


सभी सरकारी कर्मचारियों को प्रदान किए जाने वाला महंगाई भत्ता क्या होता है ?

यदि हम आपको बताएं कि प्रतिवर्ष महंगाई का दर कभी ऊपर तो कभी नीचे की ओर रहता है। महंगाई के दर में कभी भी आपको स्थिरता नहीं देखने को मिलती है। इसीलिए प्रतिवर्ष सरकारी कर्मचारियों का पेंशन आदि का कॉस्ट ऑफ लिविंग का आकलन निकाला जाता है।

इस आकलन के जरिए ही कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते की दर में बढ़ोतरी की जाती है।सभी प्रकार के सरकारी कर्मचारियों के वेतन के आधार पर महंगाई भत्ते की गणना की प्रक्रिया को किया जाता है।यदि हम इसे आसान शब्दों में समझे तो यह महंगाई भत्ता सभी कर्मचारियों के वेतन का ही एक मूल्य भाग होता है। महंगाई भत्ता कर्मचारियों के बेसिक सैलरी के कुछ प्रतिशत के हिस्से के बराबर ही होता है।

महंगाई भत्ते की गणना प्रक्रिया किस प्रकार से की जाती है ?

जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया है , यह महंगाई भत्ता आपके वेतन का ही एक मुख्य अंग होता है और इसी के आधार पर महंगाई भत्ते की गणना की जाती है।

आपके सरकारी वेतन में ही इस भत्ते को एचआरए जैसे अन्य भक्तों की तरह ही मिश्रित करके प्रदान किया जाता है। अब अगर हम आपको महंगाई भत्ते के गणना के तरीके के बारे में बताएं तो , यह तरीका राज्य स्तरीय और केंद्र स्तरीय का अलग अलग होता है। केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की गणना इस प्रकार से की जाती है।

कोरोना संकट को देखते हुए भारतीय केंद्रीय सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को प्रतिवर्ष दिए जाने वाले डीए में केंद्रीय और राज्य स्तरीय सरकार के स्तर तक वर्ष 2021 तक रोक लगा दी है। केंद्र सरकार ने कहा है , कि कोरोना संकट को देखते हुए कोरोना फंड एकत्रित करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है। डीए को आम लोगों के बीच में महंगाई भत्ते के रूप में जाना जाता है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सभी प्रकार के केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता वर्ष में दो बार जनवरी और जुलाई के माह में प्रदान किया जाता है। अगर राज्य स्तरीय महंगाई भत्ते की बात करें , तो यह सभी कर्मचारियों को प्रतिवर्ष केवल एक बार जुलाई के माह में प्रदान किया जाता है।

इस समय सभी सरकारी कर्मचारियों को उनको 17% का महंगाई भत्ता प्रदान किया जाता है । अब लोगों के मन में सवाल उठता है , कि आखिर किस प्रकार से महंगाई भत्ते की गणना की जाती है। इस विशेष गणना प्रक्रिया के बारे में बहुत सीमित लोग ही संपूर्ण रूप से जानते हैं। आज हम इस लेख के माध्यम से इसी विषय पर आप सभी को जानकारी प्रदान करने वाले हैं , तो कृपया हमारे इस लेख को अंतिम तक अवश्य पढ़ें।

सभी सरकारी कर्मचारियों को प्रदान किए जाने वाला महागाई भत्ता क्या होता है ?

यदि हम आपको बताएं कि प्रतिवर्ष महंगाई का दर कभी ऊपर तो कभी नीचे की ओर रहता है। महंगाई के दर में कभी भी आपको स्थिरता नहीं देखने को मिलती है। इसीलिए प्रतिवर्ष सरकारी कर्मचारियों का पेंशन आदि का कॉस्ट ऑफ लिविंग का आकलन निकाला जाता है।

इस आकलन के जरिए ही कर्मचारियों को दिए जाने वाले महंगाई भत्ते की दर में बढ़ोतरी की जाती है।सभी प्रकार के सरकारी कर्मचारियों के वेतन के आधार पर महंगाई भत्ते की गणना की प्रक्रिया को किया जाता है।

यदि हम इसे आसान शब्दों में समझे तो यह महंगाई भत्ता सभी कर्मचारियों के वेतन का ही एक मूल्य भाग होता है। महंगाई भत्ता कर्मचारियों के बेसिक सैलरी के कुछ प्रतिशत के हिस्से के बराबर ही होता है।

महंगाई भत्ते की गणना प्रक्रिया किस प्रकार से की जाती है ?

जैसा , कि हमने आपको पहले ही बताया है , यह महंगाई भत्ता आपके वेतन का ही एक मुख्य अंग होता है और इसी के आधार पर महंगाई भत्ते की गणना की जाती है।

आपके सरकारी वेतन में ही इस भत्ते को एचआरए जैसे अन्य भक्तों की तरह ही मिश्रित करके प्रदान किया जाता है। अब अगर हम आपको महंगाई भत्ते के गणना के तरीके के बारे में बताएं तो , यह तरीका राज्य स्तरीय और केंद्र स्तरीय का अलग अलग होता है। केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते की गणना इस प्रकार से की जाती है।

केंद्रीय सरकार द्वारा महंगाई भत्ता गणना करने का तरीका :-

महंगाई भत्ता प्रतिशत = ( बीते 12 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत ( base year 2001= 100)-115 .76)/115.76)*100

पब्लिक सेक्टर यूनियन में कर्मचारियों के महंगाई भत्ता के गणना करने का तरीका :-

महंगाई भत्ता प्रतिशत = ( बीते 3 महीनों के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का औसत ( base year 2001= 100)-126.33)/126.33)*100

किस प्रकार से सभी पेंशन कर्मियों को महंगाई भत्ता प्रदान किया जाता है ?

जब भारतीय वेतन आयोग सभी कर्मचारियों के लिए सैलरी का स्ट्रक्चर तैयार करता है तो उसके साथ ही सभी प्रकार के सेवा निर्मित हुए कर्मचारियों के लिए भी उनके महंगाई भत्ते में बदलाव किया जाता है।

इसी प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए जब महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी होती है , तब उसी के हिसाब से सभी पेंशनर वाले भक्ति में भी महंगाई भत्ते की इजाफे को जोड़ा जाता है।

सरकार द्वारा महंगाई भत्ते में किए गए बदलाव का केवल कोरोना वायरस फंड में और इजाफा करना है। सरकार इस फंड के जरिए सभी आवश्यक क्षेत्रों में जहां पर कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से नुकसान हुआ है । उन सभी क्षेत्रों में इस एकत्रित राहत कोष के जरिए जरूरतमंद लोगों को आवश्यक सहायता पहुंचाया जाएगा

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